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बाबा के बुलडोजर का कारनामा, करने लगे जज साहब ड्रामा

वैसे तो उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही बुलडोजर की अपनी एक अलग तरह की चर्चा हो रही है, बाबा के बुलडोजर को लेकर कहा जा रहा है अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार के द्वारा कार्यवाही किया जाना अब एक शगल बन गया है, बाबा का बुलडोजर अपराधियों के अवैध आशियानों पर चल रहा, लेकिन बस्ती में बाबा के बुलडोजर पर एक जज साहब कुंडली मार कर बैठ गए और लाख कोशिश के बावजूद बाबा का बुलडोजर अपना काम नही कर पाया, पिछले 15 घंटे से बाबा के बुलडोजर के आगे लेट कर विरोध जताया, इसके बाद अब जज साहब बकायदा खटिया डालकर बैठे हुए है और बाबा का बुलडोजर जज साहब के हटने के इंतजार में खड़ा है।

हरैया थानान्तर्गत छपिया शुक्ल गावँ में नहर खुदाई कर रही जेसीबी के आगे जमीन पर एक न्यायिक अधिकारी लेट गए और अपनी जमीन को जबरदस्ती खोदवाने का आरोप लागते हुए कार्य रोकवा दिया।सूचना पर जिले के तमाम अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस पहुँच गई। अधिकारी न्यायिक अधिकारी को समझाने का प्रयास कर रहे थे।
हर्रैया-रजवाहा नहर लगभग 28.5किमी खुदाई हो रही थी लगभग पूरी नहर की खोदाई पूरी हो गई केवल छपिया शुक्ल निवासी जगदीश प्रसाद शुक्ल की जमीन की खोदाई बाकी थी। वे अपनी जमीन नहीं देना चाह रहे हैं। उनके द्वारा जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र देकर अपनी जमीन में नहर बनाने का विरोध भी जताया लेकिन नहर विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार जय मंगल सिंह के साथ मौके पर पहुँचकर उनकी जमीन में जेसीबी से खुदाई शुरू करवा दिया। उनके परिजन मयंक और योगेंद्र ने विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।छुट्टी लेकर घर आए जगदीश प्रसाद शुक्ल के पुत्र अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ल मौके पर पहुंच कर खुदाई रोकने लगे तो ठेकेदार नहीं माने। अपर जिला जज कोट पैंट और टाई पहने जेसीबी के आगे जमीन पर लेट गए। उन्होंने जिलाधिकारी पर जबरदस्ती नियम के विरुद्ध उनकी जमीन में नहर खोदवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जबतक खोदा गया जमीन पाट कर उन्हें नहर ना खोदने का आश्वासन नहीं मिलेगा जमीन पर ही लेटे रहेंगे। पूरी रात एस डी एम सदर ,ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अमृत पाल कौर,नहर विभाग के अधिशासी अभियंता जय सिंह, ए इ राज कुमार आजाद,जे इ पवन कुमार सहित तमाम अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल और आस-पास के तमाम लोग मौजूद थे। अधिकारी अपर जिला जज को मनाने का प्रयास कर रहे थे। नहर विभाग के अधिकारी ने बताया कि उनका लगभग 34 लाख मुआवजा बना है। एस एल ओ ऑफिस बस्ती से उन्हें कहा गया लेकिन नही ले रहे हैं जबकि अपर जिला जज का कहना है कि वे अपनी जमीन नहीं देंगे।जिलाधिकारी नियम विरुद्ध तरीके से जबरन उनकी जमीन से नहर निकलवाना चाह रही हैं।

वही इस पूरे मामले को लेकर हमने मौके पर पहुंची हरैया तहसील की एसडीएम, जिले के एडीएम, सरयू नहर परियोजना के अफसरों से लेकर जिले की डीएम सौम्या अग्रवाल से प्रशासनिक पक्ष जानने की काफी कोशिश की मगर वो जज का मामला बताकर कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए और कहा ऐसी खबर चलाने को रहने दीजिए।

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