किसी भी देश के मानव संसाधन के विकास हेतु महिलाओं व पुरूषों की समान भागीदारी आवश्यक है। महिलाओं का जीवन सुरक्षित और भविष्य उज्जवल हो, उन्हें बराबरी का दर्जा और सम्मान मिले, समाज और परिवार उनका आदर करें, इन सब बातो को एक विकसित समाज में सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी हर उस व्यक्ति की है जो पूर्णतया संपन्न है। महिला उद्यमियों का योगदान, राजस्व उत्पन्न करने वाली गतिविधियों में अपेक्षाकृत कम है, जो कि छोटे पैमाने की इकाईयों का केवल आठ प्रतिशत है, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में राजस्व सृजन गतिविधियों में लगभग 25 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। पिछले एक दशक में, दुनिया भर में महिलाओं ने स्वास्थ्य और शिक्षा, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में काफी सुधार किया है।
दिल्ली की रोहताशनगर विधानसभा में भी एक ऐसी नई पहल देखने को मिली है जो आज के इस तकनीकी दौर में आपको देश में मौजूद कार्यकुशल व उद्यमशील महिलाओं के बारे में सोचने पर मजबूर कर देगी। इस विधानसभा के विधायक जितेंद्र महाजन ने अपने क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण व उद्यमशाीलता को बढावा देने के लिए अपने क्षेत्र की जरुरतमंद महिलाओं को अच्छी आर्थिक स्थिति प्राप्त करने के साथ साथ रोजगार उपलब्ध कराकर गरीबी उन्मूलन के लिए एक नई पहल की है। इस पहल के तहत क्षेत्र की कुशल महिलाओ को संगठित करके जैविक गुलाल बनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र में वार्ड के हिसाब से कई जगह अलग अलग जैविक गुलाल बनाने के नए सेंटर्स बनाए गए हैै। जिसमें उसी वार्ड की महिलांए गुलाल बनाने के लिए खूब बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही है ।
यह गुलाल, जो कि फलों, फूलों, और सब्जियों से निर्मित है, न केवल पर्यावरण के लिए हानिरहित है बल्कि यह महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने का भी एक जरिया प्रदान करता है। इस पहल के माध्यम से उद्देश्य समाज में एक सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाना है।
होली के इस त्यौहार को “सुमंगलम गुलाल” के साथ मनाना, न केवल इन महिलाओं की मेहनत का समर्थन करने का एक तरीका है, बल्कि यह हमें एक स्वस्थ और खुशहाल समाज की ओर भी ले जाता है।
Report :- Akash Gaur