
सेक्टर E-1, वसंत कुंज के निवासियों ने डीडीए द्वारा हाल में भेजे गए पानी के बढ़े हुए बिलों पर गहरी नाराज़गी जताई है। लोगों का कहना है कि डीडीए ने बिना किसी सूचना के अचानक 50 से 60 हजार रुपये तक के बिल भेज दिए हैं, जबकि पानी की आपूर्ति अब भी केवल टैंकर और बोरवेल के माध्यम से हो रही है।
निवासियों के अनुसार, चार महीने से डीडीए ने कोई बिल नहीं भेजा था और अब अचानक भारी-भरकम बिल थोप दिए गए हैं। यह फैसला बिना जानकारी व पारदर्शिता के किया गया है, जिससे आम परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा है।
कानूनी स्थिति
विभिन्न अदालतों ने कहा है कि बिना सूचना और सुनवाई के इस तरह से शुल्क बढ़ाना अनुचित है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने “Renu Bali बनाम डीडीए (1996)” मामले में कहा कि पिछली अवधि के लिए बकाया वसूली करना नियमों के खिलाफ है और न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
उच्चतम न्यायालय ने भी यह स्पष्ट किया है कि पानी या बिजली जैसे शुल्कों में बदलाव केवल भविष्य के लिए ही लागू हो सकता है, न कि पिछले समय की वसूली के रूप में।


निवासियों की राय और माँगें
-F ब्लॉक निवासी श्रीमती मधु वैद ने कहा कि यह बढ़ोतरी तुरंत वापस ली जाए।
– श्री पुनीत नागी ने कहा कि उनका 60 हजार रुपये का बिल आया है, जबकि पानी इतना खराब है कि उससे त्वचा की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। यहाँ तक की पीने पानी खरीद के पीना पड़ता है ।
ए ब्लॉक निवासी l श्री आलोक सोनी ने मांग की कि नए रेट तय करने से पहले पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाए और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया l जाए।
- श्री अमरदीप (E-ब्लॉक निवासी) ने कहा कि केवल नई दरों के हिसाब से ही बिल भेजे जाएं और पानी की गुणवत्ता सुधारी जाए।
- पूर्व आरडब्ल्यूए अध्यक्ष श्री पंकज कंबोज ने कहा कि पानी जैसी जरूरी सेवा पर बिना सूचना दो गुनी बढ़ोतरी करना अन्यायपूर्ण है। यह आम लोगों के लिए बड़ा बोझ है और कानून भी कहता है कि इस तरह का बदलाव केवल भविष्य के लिए ही किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया की RWA अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में सेक्टर की और से writ petition भी दायर की हुई है जो दिल्ली जल बोर्ड से पानी की आपूर्ति को लेकर है इससे न केवल निवासियों को हर महीने २० हज़ार लीटर पानी मिलेगा बल्कि पानी की बेहतर गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी ।
सेक्टर E-1, वसंत कुंज के निवासियों ने उपराज्यपाल, संबंधित अधिकारियों और डीडीए के उपाध्यक्ष से अपील की है कि वे इस फैसले में तुरंत हस्तक्षेप करें, लोगों को राहत दें, और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी व न्यायपूर्ण बनाएं।
भारत न्यूज़ ने डीडीए के संबधित से इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी परंतु समाचार लिखे जाने तक सफलता हाथ नहीं लगी।